कन्नौजी गीत
जुगनू खेलैं छुआ-छुऔरी
रजनी दिशा-दिशा मँइ दौरी
आवौ दिवटा पे दीया जरावैं सजनी
फूटैं भेजइँ गंध निमंत्रण
भुंटा हमइँ बुलावैं
पसर ककरी नार मका मइँ
खीरन सइ बतियावैं
कब सइ कोयल करइ गुहार
पपिहा चाहइँ मेघ-फुहार
आवउ हमहूँ दुआरे बतियावैं सजनी
आवौ दिवटा पे दीया ...........।
करिया बादर चले पछाँह सइ
अँजुरिन फिकिहइँ पानी
दिखिअउ अब धरती की भिजिहइ
नीकी चूनर धानी
रहि-रहि बिजुरी चमकै जोर
बाहर बँधे भये सब ढोर
आवौ छपरा मइँ छोर बँधावइँ सजनी
आवौ दिवटा पे दीया ...........।
-अतुल पाठक
जुगनू खेलैं छुआ-छुऔरी
रजनी दिशा-दिशा मँइ दौरी
आवौ दिवटा पे दीया जरावैं सजनी
फूटैं भेजइँ गंध निमंत्रण
भुंटा हमइँ बुलावैं
पसर ककरी नार मका मइँ
खीरन सइ बतियावैं
कब सइ कोयल करइ गुहार
पपिहा चाहइँ मेघ-फुहार
आवउ हमहूँ दुआरे बतियावैं सजनी
आवौ दिवटा पे दीया ...........।
करिया बादर चले पछाँह सइ
अँजुरिन फिकिहइँ पानी
दिखिअउ अब धरती की भिजिहइ
नीकी चूनर धानी
रहि-रहि बिजुरी चमकै जोर
बाहर बँधे भये सब ढोर
आवौ छपरा मइँ छोर बँधावइँ सजनी
आवौ दिवटा पे दीया ...........।
-अतुल पाठक
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