Saturday, July 11, 2020

खेतन खेलइँ चिरई-चिरौटा

खेतन खेलइँ चिरई-चिरौटा
बढ़िगई विरबन केरी सान

गेहुँन की मुइयाँ पियरानी
ताकइँ देउर भउजी
भारी पाँव देखि कइँ इनके
गामइँ गीत कनउजी
भूलि गए घरवार सबइ जे
ठंडो परि गओ चढ़ो अधान
खेतन खेलइँ चिरई चिरौटा
बढ़िगई .............।

अर्रा उझकि-उझकि बतियाबै
का हम तुमहिं बतामैं
पहिले खेतन अउ खरिहानन
हमहीं पाँव जमामैं
ई पीढ़ी के हम है बुजरुग
हमईं हैं परधान 
खेतन खेलइँ चिरई चिरौटा
बढ़िगई .............।

-मदन तिवारी मदन


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